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कवच नारायण

रात्रि के पिछले प्रहर में श्रीवत्सलांछन श्रीहरि,उषाकाल में खड़गधारी भगवान जनार्दन,सूर्योदयसे पूर्व श्रीदामोदर और संपूर्ण संध्याओंमें कॉलमूर्ति भगवान विश्वेश्वर मेरी रक्षा करें। चक्रम युगांतनल 

Index,विशाखा,16

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- दुर्वासाजीकी दुःखनिवृत्ति   ६- इक्ष्वाकुके वंशका वर्णन, मान्धाता और सौभरि ऋषिकी कथा  ७- राजा त्रिशंकु और हरिश्चन्द्रकी कथा  ८-सगर-चरित्र  ९-भगीरथ-चरित्र और गंगावतरण  १०- भगवान् श्रीरामकी लीलाओंका वर्णन  ११-भगवान् श्रीरामकी शेष लीलाओंका वर्णन  १२-इक्ष्वाकुवंशके शेष राजाओंका वर्णन  १३-राजा निमिके वंशका वर्णन